पटना.बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का अवसर दिये जाने का मुद्दा राजनीतिक रूप से तूल पकड़ता जा रहा है। यह परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा ली जायेगी। प्रदेश में जगह जगह अभ्यर्थी बिहार से बाहर के दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका दिये जाने का विरोध कर रहे हैं। पटना में आज अभ्यर्थियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। बेरोजगार अभ्यर्थी राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा ने भी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन का विरोध किया है । पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पार्टी अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन करती है। अभ्यर्थियों के पक्ष में 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधान सभा तक विरोध मार्च निकाला जायेगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार राज्य में एक लाख सत्तर हजार शिक्षकों की लोक सेवा आयोग के माध्यम से परीक्षा लेकर भर्ती करने जा रही है । सत्ताईस जून को राज्य मंत्रिमंडल ने शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन करते हुए बाहर के राज्य को भी आवेदन करने की अनुमति दी थी । इसी का पूरे राज्य में विरोध हो रहा है।
पिछले एक दशक से अधिक समय से राज्य में शिक्षकों का नियोजन होता था इसके लिए पंचायत, नगर निगम, नगर परिषद और प्रखंडों की ओर से गठित नियोजित समितियां शिक्षकों की भर्ती करती थी। पिछले दिनों सरकार ने पुरानी व्यवस्था को समाप्त करते हुए सभी पूर्व गठित नियोजित समितियों को भंग कर दिया था।